अकसर लोग अपना और अपने परिवार का लाइफ इन्शुरन्स करवाना पसंद करते है लेकिन कई लोगो को इस विषय में विशेष जानकारी नहीं होती है कि लाइफ इन्शुरन्स क्या है इन हिंदी। जीवन बीमा पॉलिसी लेने की प्रक्रिया क्या है. क्या जीवन बीमा और टर्म इंश्योरेंस के बीच अंतर है इन प्रश्नो के उत्तर इस लेख में जानेंगे।
Life Insurance करवाना आज के समय में आवश्यक हो गया है क्योकि इस भाग दौड़ भरी जिंदगी में आये दिन दुर्घटनाये होती है जिसमे कई व्यक्ति दुर्घटनाग्रस्त हो जाते है जिसके कारण लोगो की जान तक भी चली जाती है इसलिए अधिकतर व्यक्ति अपने जीवन बीमा के साथ अपनी पत्नी बच्चे और परिजन के भी करवाते है।
जीवन बीमा कई बैंक और वित्तीय कम्पनिया के द्वारा किया जाता है जिसमे बीमाधारी को कुछ पैसे हर महीने या सालाना जमा करने होते है कितना राशि हर महीने या सालाना जमा करना है ये सब बीमाधारी और बीमाप्रदाता के बीच निर्धारित की जाती है जो राशि तय होती है उसे बीमाधारी को जमा करना होता है या बीमाधारी के अकाउंट से डेबिट कर लिया जाता है।
बताते चले जीवन बीमा कई प्रकार के होते है सभी इन्शुरन्स करने वाले संस्था के रूल्स अलग अलग होते है जीवन बीमा करने से पहले उसके सारे रूल्स पर एक नजर ज़रूर डाले जिससे सारी चीजे पहले ही क्लियर हो जाये बाद में कई बार परेशानिया भी आती है इसलिए आप जिस भी बैंक या फाइनेंस कंपनी से कारंवाना चाहते है वहा के सारे नियम कायदे समझ ले।
लाइफ इन्शुरन्स क्या है इन हिंदी।
जीवन बीमा (Life Insurance) व्यक्ति यानि (बीमाधारी) और बीमाप्रदाता यानि (बैंक या इन्शुरन्स कंपनी) जिसके बीच एक अनुबंध होता है जो बीमित व्यक्ति के परिजनों के लिए वित्तीय सुरक्षा कवच के रूप में होती है यदि बीमित व्यक्ति के साथ किसी प्रकार का कोई दुर्घटना होता है और उसमे उसकी जान चली जाती है तो बीमा कंपनी नामांकित (Nominee) व्यक्ति को सुनिश्चित राशि का भुगतान करती है जो पूर्व-स्वीकृत होता है।
इसके लिए बीमाधारी व्यक्ति को निर्धारित राशि निर्धारित समयान्तराल पर निर्धारित प्रीमियम बीमाप्रदाता को भुगतान करना पड़ता है यह बीमा पालिसी एक तरह से नामांकित परिवार के सदस्य के लिए वित्तीय सुरक्षा कवच होती है जोकि बीमित व्यक्ति के साथ दुर्घटना होने पर उसकी जान चली जाती है तो उसके परिजन को मिलता है।
बीमा पालिसी के लिए बीमित व्यक्ति को निश्चित समय के निर्धारित राशि की प्रीमियम देनी होती है जोकि पहले बीमाधारी व्यक्ति और बीमाप्रदाता के बीच निर्धारित की जाती है यह माहवारी छमाही और वार्षिक हो सकता है ये बीमित व्यक्ति और बीमाप्रदाता के बीच तय किया जाने वाला मसला होता है ये बीमित व्यक्ति अपने अनुसार तय कर सकता है।
जीवन बीमा एक तरह से परिजन के लिए वित्तीय सुरक्षा कवच के रूप होता है जीवन बीमा करवाकर व्यक्ति अपने आयकर रिटर्न में छूट भी प्राप्त कर सकता है यानि कर बचा सकते है जोकि आयकर अधिनियम 1961 की धारा 80C और 10D के तहत कर में छूट प्राप्त की जा सकती है।
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जीवन बीमा पॉलिसी लेने की प्रक्रिया क्या है?
काफी सिंपल होता है जीवन बीमा पालिसी लेना। इसके लिए आपको कोई एक बैंक या बीमा संस्था चुनना है जिससे आप बीमा पालिसी लेना चाहते है कई बार इन्शुरन्स लिए बैंको के द्वारा या बीमा कंपनियों के द्वारा फ़ोन कॉल भी आता है जो बीमा पालिसी की डिटेल्स में जानकारी मुहैया करवाते है।
जीवन बीमा पालिसी लेने के लिए व्यत्कि को कोई एक संस्था चुन लेना है पालिसी की अधिक जानकारी के लिए संस्था में जाना है वहा के बीमा कर्मचारी से जीवन बीमा पालिसी सम्बंधित जानकारी लेनी है जीवन बीमा पालिसी कई तरह की होती है जो आवेदक के अनुसार चुनी जाती है जिसमे अलग अलग राशि की प्रीमियम देनी होती है इसकी अधिक जानकारी आपको संस्था लेनी होगी।
जब आप बीमा पालिसी लेने का निर्णय करले तो इसकी विशेष जानकारी संस्था से प्राप्त करने के बाद ही ले क्योकि जीवन बीमा में बीमित व्यक्ति को निश्चित समय पर निश्चित समय के लिए प्रीमियम भरना होता है इसकी अधिक जानकारी संस्था से प्राप्त कर सकते है और आसानी से जीवन बीमा करवा सकते है।
क्या जीवन बीमा और टर्म इंश्योरेंस के बीच अंतर है?
अब जानते है की जीवन बीमा और टर्म बीमा में क्या अंतर होता है बता दे की टर्म इन्शुरन्स लाइफ इन्शुरन्स का एक प्रकार है लेकिन इन दोनों के बीच काफी अंतर है दोनों इन्शुरन्स बीमित व्यक्ति के दुर्घटना पर मृत्यु होने पर वित्तीय सुरक्षा परिजनों को मिलता है जोकि पहले से इन्शुरन्स पालिसी में ये सारी चीजे मेंशन होती है।
टर्म इन्शुरन्स जीवन बीमा का ही एक प्रकार है इस इन्शुरन्स में बीमित व्यक्ति के मृत्य पर ही नामांकित परिजन को वित्तीय सुरक्षा मिलती है यह एक सिमित समय के लिए कराया जाता है यदि बीमित व्यक्ति इस सिमित समय तक जीवित रहता है तो उसे या उसके परिवार को कुछ भी फायदा नहीं मिलता है यानि इस इन्शुरन्स को निर्धारित समय के लिए किया जाता है इसी समय के अंतराल बीमित का किसी दुर्घटना में मृत्य हो जाये तो उसके द्वारा नामांकित परिवार के सदस्य को बीमा राशि दिया जाता है।
लाइफ इन्शुरन्स पुरे जीवन का होता है इसमें बीमित व्यक्ति को निर्धारित प्रीमियम निर्धारित समय में जमा करनी होती है उसके बाद बीमित व्यक्ति की किसी प्रकार की दुर्घटना होती है तो उसे भी बीमित व्यक्ति को वित्तीय मदद मिलती है वही दुर्घटना में बीमित व्यक्ति की मृत्यु हो जाती है तो उसके नामांकित परिवार के किसी सदस्य को वित्तीय सुरक्षा मिलती है।
जीवन बीमा क्या है इन हिंदी।
जीवन बीमा एक तरह से बीमित व्यक्ति की वित्तीय सुरक्षा कवच होती है जोकि पुरे जीवन की होती है यहाँ बीमा की राशि परिजन को मिलता है जोकि पहले से बैंक या इन्शुरन्स कम्पनी के द्वारा पूर्व-स्वीकृत की जा चुकी होती है की व्यक्ति के दुर्घटना से मृत्यु होने पर कितना बीमा राशि व्यक्ति के परिवार को मिलेगा।
वही टर्म इन्शुरन्स को एक निर्धारित समय के लिए कराया जाता है यदि व्यक्ति की उसी निर्धारित समय में किसी दुर्घटना में मृत्यु हो जाती है तो उसके परिवार को वित्तीय सुरक्षा मिलेगा यदि बीमित व्यक्ति उस निर्धारित समय के पश्चात् भी जीवित रहता है तो उसे उस इन्शुरन्स से कोई बीमाराशि नहीं मिलता है।
आशा है लेख में बताई गयी जानकारी लाइफ इन्शुरन्स क्या है इन हिंदी। समझ आया होगा और यहाँ से आपके द्वारा खोजे जा रहे प्रश्न का उत्तर मिल गया होगा इस लेख में मैंने जीवन बीमा से समबन्धित कई प्रश्नो का उल्लेख किया है जो आपको पसंद आया होगा।
इस ब्लॉग में ऐसे ही प्रश्नो का उल्लेख किया जाता है इसके अतिरिक्त भी कई विषयो को इस ब्लॉग पर कवर किया जाता है अधिक जानकारी के लिए हमारे दूसरे लेख भी पढ़ सकते है यह लेख पसंद आया हो तो इसे सोशल मीडिया पर शेयर करे ताकि अधिक लोगो तक यह लेख पहुंच सके।