भारत का सबसे पुराना बैंक कौन सा है? जाने हिंदी में.
भारत में कई बैंको का स्थापना हुआ है लेकिन किसी न किसी कारण से वह बैंक विफल होकर बंद हो गए जिसमे भारत का सबसे पुराना बैंक भी शामिल है जो अभी संचालन में नहीं है
भारत में कई बैंको का स्थापना हुआ है लेकिन किसी न किसी कारण से वह बैंक विफल होकर बंद हो गए जिसमे भारत का सबसे पुराना बैंक भी शामिल है जो अभी संचालन में नहीं है
आप इस तरह समझ सकते है निजी बैंको का मालिकाना हक़ या स्वामित्त निजी व्यक्तिओ के पास होता है उनका सरकार से कोई मतलब नहीं होता है वो प्राइवेट बैंक कहलाते है।
आईसीआईसीआई बैंक भारत का प्रमुख बैंकिंग और फाइनेंसियल सेवा प्रदान करने वाला एक संस्थान है ये भारत का तीसरा बड़ा बैंक है तथा बाजार पूंजीकरण के हिसाब से भारत के निजी बैंको में सबसे बड़ा बैंक आईसीआईसीआई बैंक है।
Hdfc bank के अधिकांश शाखा Branch मुंबई और दिल्ली में स्थित है लेकिन इसके अलावा भी पुरे भारत में इसकी शाखा स्थित है।
जब किसी कंपनी के द्वारा एम्प्लोयी की नियुक्ति की जाती है उस एम्प्लोयी को एक पीएफ अकाउंट खोलकर पीएफ नंबर दिया जाता है जिससे वो एम्प्लोयी असानी से अकाउंट का व्यौरा जान सकता है
यूनीक नंबर होता है इसे EPFO एम्प्लोयी प्रोविडेंट फण्ड आर्गनाइजेशन के द्वारा जेनरेट किया जाता है ये नंबर लाइफ टाइम के लिए एक ही बार जेनरेट होता है
कंपनी के एम्प्लोयी के सैलरी से कुछ प्रतिशत काटा जाता है इस राशि को उसी एम्प्लोयी के EPF खाते जमा कराया जाता है अगर आप प्राइवेट सेक्टर में नौकरी करते होंगे
कई बार कई लोग अपने एक नौकरी को छोड़कर दूसरी कंपनी में नौकरी करते है तब क्या करना होगा इस स्थिति में दूसरी कंपनी के द्वारा मिले मेंबर आईडी को पीएफ खाता या यूएएन नंबर से लिंक किया जाता है
ये 4 डिजिट का एक रैंडम नंबर होता है जिसे कार्ड स्वामित खुद चुन सकता है यही पिन है जो कार्ड की प्राइवेसी सुरक्षित रखता है बिना इस पिन के उस कार्ड से किसी प्रकार का कोई लेनदेन नहीं कर सकता है
स्टेटमेंट में कई प्रकार की इनफार्मेशन मेंशन होती है जिसे कोई भी देखकर बड़ी आसानी से पता कर सकता है कि किस डेट में कितने अमाउंट की ट्रांसक्शन और किस माध्यम से किस ब्रांच से कितने समय किया गया है।
CVV Number के डिजिट की बात करे तो 3 या 4 डिजिट का कोड होता है तथा ये हर डेबिट कार्ड और क्रेडिट में होता है हर ग्राहक के कार्ड का CVV Code अलग अलग होता है.
जैसे जैसे टेक्नोलॉजी का विस्तार होता जा रहा है उसी प्रकार से हमारे जीवन में बहुत सारे बदलाव भी देखने को मिल रहे है कुछ समय पहले किसी भी कम्पनी में निवेश करने
बैंक द्वारा दी जाने वाली एक इन्वेस्टमेंट साधन है जिसको सैलरी पर्सन व्यवसायिक या किसी अन्य स्रोत्र से इनकम प्राप्त करने वाले व्यक्ति
इस स्कीम के मुताबिक हर वो व्यक्ति जो सेलरी कमीशन या किसी अन्य इनकम स्रोत्र से इनकम प्राप्त कर रहा हो उस इनकम से बचत किये गए पैसो
टीडीएस स्रोत्र पर कर कटौती होता है किसी कर्मचारी को उसके सैलरी मिलने से पहले टीडीएस कट कर लिया जाता है उसके बाद ही कर्मचारी को बचे हुए अमाउंट को सैलरी के रूप में दिया जाता है।